Here above, there is a painter who is painting the house so today's story is about a very honest painter. So let's start the story.
Once upon a time, there was a painter named of Babulal. He lived in a small village 😢 and was so honest. But because of being poor he had to work from house to house of people and his income was too low. When he used to do work in whole day then he was able to eat bread for two times. He always wanted that he got a big job with which his income will good 👍. But still he used to do even the smallest tasks with honesty and dedication.
One day a landlord called him to do his boat painting. He became happy and Landlord asked how much money you will take? He said 1500 rupees only. after that he went to sea shore with the landlord. Where his boat was. So after sometime he started doing painting. While doing painting he saw a hole in the boat. Then he thought that I should fill it otherwise this boat can drowned. After filling the hole he again painted the boat. After sometime he had been painted the boat. Then he went to the landlord for taking his money. Then landlord said I will give you money in tomorrow morning. Then he's gone. Next morning the landlord's family had gone to roam across the river. The same day his servant came back after finishing his holiday. As he came he asked to his owner today is very peaceful where is the mistress and children? Landlord said they have been to roam across the river by boat. His servant shocked and said that ther was a hole in the boat. Landlord got nervous 😬 and started crying. But in the evening his family came. He became so happy. Then he thought, of course that hole was filled by Babulal. And when Babulal came for taking his money then he gave him a 6000 rupees. After that Babulal said my owner you have given me a 6000 rupees. I want only 1500 rupees . Landlord said you have saved my family's life by filling the boat hole. So keep it . And thank you so much.
In this way we have learnt that, we should not think bad of others and do our work with truth and honesty.
Hindi translation : -
यहाँ ऊपर, एक चित्रकार है जो घर को पेंट कर रहा है इसलिए आज की कहानी एक बहुत ही ईमानदार चित्रकार की है। तो चलिए कहानी शुरू करते हैं।
एक बार की बात है, बाबूलाल नाम का एक चित्रकार था। वह एक छोटे से गाँव में रहता था और बहुत ईमानदार था। लेकिन गरीब होने के कारण उन्हें लोगों के घर - घर जाकर काम करना पड़ता था और उनकी आय भी बहुत कम थी। जब वह पूरा दिन काम करते थे तब दो वक्त की रोटी खा पाते थे। वह हमेशा चाहते थे कि उसे एक बड़ी नौकरी मिले, जिससे उनकी आमदनी अच्छी होगी। लेकिन फिर भी वो छोटे से छोटा काम बहुत ईमानदारी और लगन से करते थे।
एक दिन एक जमींदार ने उसे अपनी बोट पेंटिंग करने के लिए बुलाया। वह खुश हो गया और जमींदार ने पूछा कि तुम कितने पैसे लोगे ? उसने कहा 1500 रुपए ही। तब वह जमींदार के साथ समुद्र के किनारे गया जहां उसकी नाव थी। कुछ समय बाद उन्होंने पेंटिंग करना शुरू किया। पेंटिंग करते हुए उन्होंने नाव में एक छेद देखा। तब उसने सोचा कि मुझे इसे भरना चाहिए अन्यथा यह नाव डूब सकती है। छेद भरने के बाद उसने फिर से नाव को पेंट किया। कुछ समय बाद उसने नाव को पेंट कर लिया था । फिर वह अपने पैसे लेने के लिए जमींदार के पास गया। तब जमींदार ने कहा मैं तुम्हें कल सुबह पैसे दे दूंगा। फिर वह चला गया। अगली सुबह जमींदार का परिवार नदी के उस पार घूमने गया । उसी दिन उनका नौकर छुट्टी खत्म करके वापस आया। जैसे ही वह आया उसने अपने मालिक से पूछा आज बहुत शांति है मालकिन और बच्चे कहाँ है? जमींदार ने कहा कि वे नाव से नदी के उस पार घूमने गए हैं। उनके नौकर ने चौंक कर कहा कि नाव में छेद था। जमींदार घबरा गया 😬 और रोने लगा। लेकिन शाम को उनका परिवार आ गया। वह बहुत खुश हो गया। फिर उसने सोचा, बेशक वह छेद बाबूलाल ने भरा था। और जब बाबूलाल उसके पैसे लेने आया तो उसने उसे 6000 रुपये दिए। उसके बाद बाबूलाल ने कहा मेरे मालिक आपने मुझे 6000 रुपये दिए हैं। मुझे केवल 1500 रुपये चाहिए। मालिक ने कहा आपने नाव के छेद को भरकर मेरे परिवार की जान बचाई है। तो रख लो। और बहुत बहुत धन्यवाद।
इस तरह हमने सीखा है कि, हमें दूसरों के बारे में बुरा नहीं सोचना चाहिए और अपना काम सच्चाई और ईमानदारी से करना चाहिए।
Nice story🤟🤟🤟🤟🤫
ReplyDeleteNice bro
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